धर्मानन्द उनियाल ‘पथिक’ (Dharmanand Uniyal ‘Pathik’)
(माताः श्रीमती सरस्वती देवी, पिताः श्री बालकृष्ण उनियाल)
जन्मतिथि : 3 मार्च 1936
जन्म स्थान : उनियालगांव (कफना)
पैतृक गाँव : उनियालगांव जिला : टिहरी गढ़वाल
वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 4 पुत्र
शिक्षा : स्नातक (हिन्दी), साहित्यरत्न
प्राथमिक शिक्षा- थापली तथा श्री सनातन ध्र्म संस्कृत पाठ. लाहौर
हाईस्कूल- रमादेवी हायर सेकेन्डरी स्कूल, मसूरी
इंटर- उ.प्र.मा.शि.प. (व्यक्तिगत)
स्नातक- पंजाब विश्वविद्यालय (व्यक्तिगत)
साहित्यरत्न- हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग
जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः सरकारी नौकरी छोड़ कर समाज सेवा हेतु गढ़वाल वापसी।
प्रमुख उपलब्धियां : अब तक 11 पुस्तकों का प्रकाशन।सैकड़ों लेख प्रकाशित, आकाशवाणी से हिन्दी-गढ़वाली में वार्ताएं प्रसारित।अनेक साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक संस्थाओं की स्थापना तथा अनेक से जुड़ाव।उत्तराखण्ड में चले कुछ आंदोलनों- विश्वविद्यालय आंदोलन, स्वामी मन्मथन के साथ मद्यनिषेध व बलि विरोधी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई।गढ़ गौरव सम्मान;उत्तराखण्ड जन कल्याण समिति, मुंबई का सम्मान; गढ़वाल विश्वविद्यालय द्वारा मानपत्र;स्वामी मन्मथन स्मृति सम्मान;कालिदास सम्मान;उत्तराखण्ड गौरव सम्मान गढ़श्री सम्मान।
युवाओं के नाम संदेशः अत्याधुनिकता और अप-संस्कृति की चकाचैंध् में अपनी माटी की सुगंध् और मां के दूध् को न भुलावें। अपनी जड़ों को तलाशें और अपनी भाषा-संस्कृति से न कटें। यह राज्य भारतवर्ष का शीर्ष प्रदेश है। इसकी गरिमा के अनुरूप आचरण करेंे। इसकी पावनता को बरकरार रख एक आदर्श और नशामुक्त राज्य के निर्माण में योगदान करें।
विशेषज्ञता : पत्रकारिता, साहित्य, स्थानीय विषय।
नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।